Tuesday, May 12, 2009

झूलन प्यारे !!

एक रानी थी, बहुत दिनों से उसे कोई औलाद नहीं हुई. वह दिन रात इश्वर की प्रार्थना करती थी की उसे औलाद हो जाये. आखिरकार उसकी साधना सफल हुई और भगवान प्रसन्न हुए और उसे पुत्रवती होने का आशीर्वाद दिया परन्तु उसमे एक यह समस्या थी की उसके पुत्र की उम्र शिर्फ़ १२ साल होगी. इश्वर की महिमा रानी को एक बहुत ही सुन्दर पुत्र का जन्म हुआ. रानी बहुत खुश थी पुरे राज्य में उत्सव मनाया गया, भोज किया गया, उपहार बांटे गए, ब्राह्मणों को गाये दान दी गयी. रानी अपने पुत्र का लालन पालन बहुत प्यार से करने लगी. वह अपने पुत्र को हमेशा सोने झूले पर ही रखती थी, पुत्र झूले पर ही खाता, सोता और खेलता था. वह हमेशा झूले पर ही रहना पसंद करता था इसलिए रानी ने उसका नाम " झूलन प्यारे " रख दिया.



झूलन प्यारे बहुत नटखट, बहुत प्यारा बच्चा था. ऐसा प्यारा, ऐसा मोहक बच्चा आस पास के कई राज्यों में नहीं था. जो उसको देखता बस उसका हो हो जाता. उसकी बातें, उसकी हंसी, उसका भोलापन साबका दिल जीत लेता. रानी झूलन प्यारे की देख भाल में सब कुछ भूल गयी थी. झूलन प्यारे उसके कलेजे का टुकडा जो था, अब उसकी दुनिया झूलन ही था. रातों को झूलन को लोरी सुनाती, झूलन के रोने पर रोती थी और उसके हसने पर हंसती थी. झूलन को लेकर वह हजारों सपने देखती थी की कल वह इस राज्य का राजकुमार बनेगा , झूलन की शादी दुनिया की सबसे खुबशुरत राजकुमारी से करुँगी फिर इसका राज्याभिषेक होगा वह रजा बनेगा. हजारों सपने उसकी आँखों में तैर जाते. वह ख़ुशी से गदगद हो जाती. झूलन के प्यार में ११ साल कैसे बीत गए पता ही नहीं चला, सुख में समय जैसे थम जाता है, समय रुक जाता है , ऐसा लगता है जैसे अभी कल की बात हो, ऐसा लगता है जैसे की कही सपना तो नहीं देख रहा था.


रानी को जैसे ही यह एहसास होता की झूलन १२ साल ही रहेगा उसका कलेजा मुह का आ जाता, वह एक आंतरिक पीडा से तड़प जाती. वह रातों को अँधेरे में अकेले में बहुत रोती थी, एक अजनबी भय, एक अजनबी डर उसे खाए जा रहा था, यह सोच कर उसका दिल बैठ जाता. वह खुद को समझाती की इश्वर इतना निर्दयी नहीं हो सकता, उसका मन चाहता था की कोई उसको यह विश्वाश दिलाये की झूलन अब कही नहीं जायेगा, कोई झूठा दिलाशा ही दिला दे की झूलन की उम्र शिर्फ़ १२ साल नहीं है......... आगे की कहानी ....


धीरे धीरे करके १२ साल पुरे हो गए, आज का दिन रानी पर बहुत भरी पड़ने वाला था, आज झूलन प्यारे को जाना था. झूलन इसी का इंतजार कर रहा था पर वह माँ के सामने कैसे जाता. उसने रानी से कहा माँ मुझे भूख और प्यास लगी है और जैसे ही माँ कुछ लेने गयी झूलन झूले से उतरा और चल दिया भगवान के पास. जब रानी लौट कर आई और झूलन को झूले पर नहीं पाया तो रानी का मन अनहोनी के डर से घबरा गया, अनेको अजीबो गरीब ख्याल मन में आने लगे. पहले रानी ने महल में ढूंढा पर फिर वह हाँथ में रोटी और लोटे में पानी लिए हुए ही झूलन को धुधाने निकल पड़ी, रानी रोंती जाती थी और लोगों से पूछती जाती थी की क्या किसी ने मेरे झूलन प्यारे को देखा है,. पर किसी ने नहीं बताया की झूलन प्यारे कहा है. जाते जाते रास्ते नदी के किनारे रानी को चकवा और चकवी मिलते है , रानी ने उनसे पूछा की क्या उन लोगों ने मेरे झूलन प्यारे को कही जाते हुए देखा है . इस पर दोनों झल्ला कर कहते है की हमारे पास तुम्हारे झूलन को देखने के शिवा कोई कम नहीं है क्या की हम तुम्हारे झूलन को निहारते रहेंगे. इस पर रानी ने उन दोनों को श्राप दे दिया की आज के बाद तुम दोनों रत को एक साथ नहीं रह सकते. आज भी रानी के श्राप के कारन दोनों पछि नदी के इस पार और उस पर रहते है ..........क्रमशः

19 comments:

  1. Dev Sahab...........kahaani poori karen......rochak chal rahi hai......

    ReplyDelete
  2. achhi shuruat k liye badhai
    all the best

    ReplyDelete
  3. A very good theme for blog. COngratulations to You.
    Chandar

    ReplyDelete
  4. well done....& welcome to my blog...

    ReplyDelete
  5. are ye blog to maine pahalee baar dekhaa bahut sundar kahani hai agali kadi kaa intazar rahegaa shubhakaamanaayen

    ReplyDelete
  6. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  7. इस ब्लाग में अच्छी व् प्रेरक कहनियाँ हैं. कहनी अधूरी छोड़कर एक-एक महीना गायब रहना भी तो ठीक बात नहीं है..!

    ReplyDelete
  8. ye aapne bahut sundar kaam kiya isse hum pauraanik kathao se jude rahenge .

    ReplyDelete
  9. http://www.parikalpnaa.com/2012/12/blog-post_8466.html

    ReplyDelete
  10. अधुरी कहानी मे मजा नहीं आया

    ReplyDelete
  11. Yahi "Jhulan Pyare" ki kahani (my favourite) meri Dadi mujhe bachpan me (in 1983) sunati thi but mujhe yaad hi nahi as rahi thi, to maine net me search kr k ye kahani padhi but ye adhuri hai, kripa kr k mujhe puri kahani bataye......
    Amit
    9334970013

    ReplyDelete